राव अजय प्रताप बने जिला पंचायत अध्यक्ष: 11 में से 9 वोट मिले, बबीता मोहन यादव को दो वोट मिले अशोक नगर /अशोकनगर के जिला पंचायत के अध्यक्ष प...
राव अजय प्रताप बने जिला पंचायत अध्यक्ष: 11 में से 9 वोट मिले, बबीता मोहन यादव को दो वोट मिले
अशोक नगर /अशोकनगर के जिला पंचायत के अध्यक्ष पद का सोमवार को चुनाव हो गया है। जिला पंचायत से अध्यक्ष पद के लिए राव अजय प्रताप सिंह यादव एवं बबीता पत्नी मोहन सिंह यादव ने फाॅर्म भरा था। जिला पंचायत के 11 सदस्य हैं। इन में से 9 वोट राव अजय प्रताप सिंह यादव को मिले हैं जबकि 2 वोट बविता यादव को मिले हैं। अधिक वोट मिलने पर राव अजय प्रताप सिंह यादव जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए हैं।
11 बजे जिला पंचायत के सभी सदस्य जिला पंचायत कार्यालय में पहुंच चुके थे। लेकिन इस बार निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही घोषणा की गई। जैसे ही राव अजय प्रताप सिंह के अध्यक्ष बनने की घोषणा हुई तो उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। जिला पंचायत कार्यालय के बाहर ढोल धमाके के साथ आतिशबाजी चलाएं। कार्यालय के सामने एक घंटे तक हजारों समर्थकों की भीड़ रही। इसके बाद विजय जुलूस निकाला गया। इस दौरान सांसद केपी सिंह भी मौजूद रहे।
पार्टी ने मैंडेट नहीं दिया:
जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही पार्टियों ने अपने मैंडेट जारी नहीं किए थे। बिना मैंडेट के ही उम्मीदवारों ने अपने फार्म भरे। लेकिन इस बार अध्यक्ष पद के लिए फॉर्म भरने वाले दोनों ही बीजेपी समर्थक थे। कांग्रेस के किसी भी सदस्य ने अपना नामांकन जमा नहीं किया। इस दौरान बबीता मोहन यादव को इसमें करारी हार का सामना करना पड़ा है।
राव परिवार में दूसरी बार बने जिला पंचायत अध्यक्ष:
राव परिवार के लिए यह दूसरा मौका है जब उनके ही घर से जिला पंचायत का सदस्य बना है। राव अजय प्रताप से पहले उनकी मां बाईसाब यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है। इस बार उपचुनाव में फिर से राव परिवार के अजय प्रताप सिंह अध्यक्ष बन गए हैं। हालांकि उनके बड़े भाई यादवेंद्र सिंह यादव कांग्रेस समर्थित हैं।
बिना नाम लिए सिंधिया पर यादवेंद्र में सधा निसाना:
निर्वाचन समाप्त होने के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान अजय प्रताप के बड़े भाई यादवेंद्र ने सिंधिया पर बिना नाम लिए जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह चुनाव किसी पार्टी के मैंडेट पर नहीं हुए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस चुनाव में सभी लोग देख रहे हैं कि बड़े-बड़े नेता इंवॉल्व रहे। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे नेताओं को बड़े नहीं कहूंगा क्योंकि उन्हें पौंने पांच साल पहले यहां की जनता ने उन्हें नकार दिया था। उन्होंने अपने आप को बड़ा मानते हुए चुनाव में हस्तक्षेप किया, वार्ड पांच में भी दखल किया। लेकिन उसमें भी उनको मुंह की खानी पड़ी थी। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके जो गुर्गे जिले में जनप्रतिनिधि बनकर बैठे हैं उन्होंने भी पूरी ताकत लगाकर हम लोगों को चुनाव हारने का प्रयत्न किया। यादवेंद्र ने कहा कि उन गुरगों एवं उनके आका को अपनी हैसियत का इस चुनाव से पता चल गया है।
दरअसल, चंदेरी विधानसभा से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी अध्यक्ष बनने के बाद यह सीट स्वत ही खाली हो गई थी। जिसके बाद जिला पंचायत की वार्ड नंबर 5 पर उपचुनाव हुआ जिसमें अजय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की थी।7 विजुअल संवाददाता वीरेंद्र कुमार ओझा अशोकनगर
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