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बीएसएस के कार्यकर्ताओं ने एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के आरक्षण को भारतीय संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के बाबत सौंपा ज्ञापन

 बीएसएस के कार्यकर्ताओं ने एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के आरक्षण को भारतीय संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के बाबत सौंपा ज्ञापन रिपोर्ट...

 बीएसएस के कार्यकर्ताओं ने एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के आरक्षण को भारतीय संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के बाबत सौंपा ज्ञापन

रिपोर्टिंग कामेश्वर विश्वकर्मा 



सोनभद्र के ओबरा तहसील में बहुजन सशक्तिकरण संघ  ने प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कुमार डिम्पल के नेतृत्व में प्रदर्शन कर तहसीलदार के सामने अपनी मांगों को रखा और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। संघ के कार्यकर्ताओं ने कहा देश में कुछ जिम्मेदार संवैधानिक संस्थाओं द्वारा एससी/एसटी/ओबीसी एकता व आरक्षण को किमीलेयर सिद्वान्त द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है। जो कि गलत है। प्रदर्शन के दौरान अजय कुमार डिम्पल ने कहा निजी क्षेत्र में प्रबंधन स्तर पर एससी/एसटी/ओबीसी का प्रतिनिधित्व न के बराबर है। आज भी प्रतिदिन औसतन 125 अभियोग एससी/एसटी एक्ट के दर्ज हो रहे है। जिनमें शिकार होने वालो में ज्यादातर जाति आधार रहता है। इतना ही नहीं साक्षात्कार में हर भर्ती आयोग एससी/एसटी/ओबीसी के सभी उम्मीदवारों को कम अंक दिये जाते है। आरक्षण प्राप्तकर्ताओं को बांटकर आरक्षण का दबाव बनाने वाले, संरक्षण करने वाले नेता, अधिकारी, कर्मचारी को अलग करके आरक्षण पूरा करते समय कह देगें कि योग्य अभ्यार्थी नहीं मिला। देश से जातिवाद खत्म करने हेतु संवैधानिक संस्थाओं में बैठे लोगों को दिखाई नहीं देता है। एससी/एसटी/ओबीसी का बंटवारा करना ही संवैधानिक संस्थाओं में बैठे लोगो का मकसद बनकर रह गया है। वही रिटायर्ड शिक्षक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि जो एससी/एसटी ओबीसी के लोग हैं जो विकास की मुख्यधारा में आये है। इसका मुख्य कारण आरक्षण ही है। आरक्षण पर आए दिन तमाम ऐसे लोग है जो कुठाराघात करने का काम करते है और सोचते है कि सविधान के जरिये जिनके आरक्षण मिला है उस वर्ग के लोगों को लाभ न मिले। सुप्रीम कोर्ट संसद और ब्यूरोक्रेसी से निवेदन है कि आरक्षण एससी/एसटी व ओबीसी का हक और अधिकार है इसे मिलना चाहिए। 


बहुजन सशक्तिकरण संघ ने मांग करते हुए विभिन्न मांगों की मांग की है


1. यह कि एसएसी/एसटी आरक्षण मामले में किमीलेयर का आदेश न होने दिया जाये।

2. यह कि ओबीसी का किमीलेयर खत्म किया जाये।

3. यह कि देश में जातियों का विनाश हेतु जातिबन्दी कानून बनाया जाये।

4. यह कि केन्द्र व राज्य सरकारों की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार समाप्त किया जाये। 5. यह कि एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण कानूनों को 9वीं अनुसूची में डालकर ज्यूडिशियल रिव्यू से हटाया जाये।

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