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बिल्ली मारकुंडी खुदाई : पत्थर खदान में खनन के दौरान हो रहा अधिनियम का उल्लंघन

  बिल्ली मारकुंडी खुदाई : पत्थर खदान में खनन के दौरान हो रहा अधिनियम का उल्लंघन ओबरा तहसील से सटे बिल्ली ग्राम के आस-पास का इलाका पत्थर खनन ...

 बिल्ली मारकुंडी खुदाई : पत्थर खदान में खनन के दौरान हो रहा अधिनियम का उल्लंघन

ओबरा तहसील से सटे बिल्ली ग्राम के आस-पास का इलाका पत्थर खनन और क्रेशरों धूल उगलती की भारी कीमत चुका रहा है जनता 

रिपोर्टिंग कामेश्वर विश्वकर्मा 





सोनभद्र में खनन क्षेत्र का विवादों से नया नाता नहीं है किसी भी पार्टी की सरकार हो।

खनन व्यवसायियों का अपना अलग नियम चलता है अवैध खनन और नियमों के विरूद्ध चलना यहां का दस्तूर बन गया है। जितने भी खनन से संबंधित अधिकारी होते है उनके आंख के नीचे ही अवैध खननकर्ता तांडव करते है। बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के ई टेंडर खनन लीज आरजी संख्या 5006 क पट्टाधारक-राधे राधे इंटरप्राइजेज पार्टनर राम आसरे अग्रहरि के खदान में जमकर मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसे रोकना खनन विभाग के न ही सर्वेश्वर की बूते की बात है न ही खनन अधिकारी की जुर्रत हो सकती है कि राधे राधे इंटरप्राइजेज में मानक को दरकिनार कर चलाई जा रही खनन के खिलाफ कोई एक्शन ले।

दिन तो दिन रात में भी बिना सेफ्टी के खनन को अंजाम दिया जाता है। रात के समय बकायदा लोकेशन के ज़रिए नियम को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है। राधे राधे कमाई बाटेंगे खनन विभाग व सभी पार्टनर आधे आधे। राधे राधे खदान में कोई भी क्षेत्र  ऐसी शायद ही होगी जो ब्रेंच बनाकर काटी जा रही हो। अगर कोई भी व्यक्ति या वाहन अनियंत्रित होकर गिरा तो समझो वो गया। हादसे होते है मगर हादसे पर पर्दा डालने की जिम्मेदारी तमाम विभाग के कारदानो की होती है। जिन्हें नज़राना मिलता रहता है। भारत में मज़दूरों का शोषण की परंपरा चली आ रही है। जिसका उदाहरण खनन क्षेत्र में देखने को मिल जाएगा। पट्टाधारक तो मोटी कमाई करके बैंक बैलेंस और संपत्ति पर संपति बनाते जा रहे। मज़दूरों को तो दिहाडी देकर लगातार शोषण किया जा रहा। अगर खननकर्ताओं की संपत्ति की जांच हो तो सरकार को पता चल जाएगा की राज्य सरकार के राजस्व को कितना बड़ा चुना लगाते है खननकर्ता और मिलीभगत करने वाले संबंधित अधिकारी। जिम्मेदार अधिकारियों से अवैध खनन की शिकायत पर जवाब गोल मटोल ही मिलता है। जांच कर कार्रवाई की बात कहकर कनी काट लेते है। जबकि वीडियो द्वारा उनको साक्ष्य दिया जाता है। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती। जिसका सीधा सा मतलब है वो है मिलीभगत। मिलीभगत से संबंधित सभी विलासिता का जीवन जी रहे।

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