उड़ीसा से साइकिल पर खाटू श्याम के दर्शनों के लिए जा रहे श्याम भक्त, चोपनवासियों ने भोजन करवाकर किया विदा रिपोर्टिंग कामेश्वर विश्वकर्मा चो...
उड़ीसा से साइकिल पर खाटू श्याम के दर्शनों के लिए जा रहे श्याम भक्त, चोपनवासियों ने भोजन करवाकर किया विदा
रिपोर्टिंग कामेश्वर विश्वकर्मा
चोपन-सोनभद्र/‘यूं हीं नहीं कहते हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा’, खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाना जाता है, ऐसा कहे जाने के पीछे एक पौराणिक कथा है, राजस्थान के सीकर जिले में इनका भव्य मंदिर स्थित जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लोगों का विश्वास है कि बाबा श्याम सभी की मुरादें पूर करते हैं और रंक को भी राजा बना सकते हैं। उड़ीसा से खाटू श्याम बाबा के लिए जा रहे साइकिल यात्रियों को चोपन बैरियर के स्थानीय लोगों ने रोक कर स्वागत कर भोजन करवाया और खाटू श्याम बाबा, काशी विश्वनाथ, अयोध्या धाम, के लिए रवाना किया।
बता दे कि बटली गांव उड़ीसा से 700 किमी की दूरी तय कर साइकिल से जा रहे दो भक्त जो एक दिन में लगभग 100 कि मी का सफर तय कर रहे हैं। प्रत्येक वर्ष होली के दौरान खाटू श्यामजी का मेला लगता है, इस मेले में देश-विदेश से भक्तजन बाबा खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है, बाबा श्याम, हारे का सहारा, लखदातार, खाटूश्याम जी, मोर्विनंदन, खाटू का नरेश और शीश का दानी इन सभी नामों से खाटू श्याम को उनके भक्त पुकारते हैं। खाटूश्याम जी मेले का आकर्षण यहां होने वाली मानव सेवा भी है, बड़े से बड़े घराने के लोग आम आदमी की तरह यहां आकर श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
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