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बैराड़ में 150 बीघा उद्योग विभाग की जमीन बेच दी, नही कर सकी टीम सीमांकन

  बैराड़ में 150 बीघा उद्योग विभाग की जमीन बेच दी, नही कर सकी टीम सीमांकन।  माखन सिंह धाकड़ बैराड। शिवपुरी जिले के पोहरी अनुविभाग के बैराड न...

 बैराड़ में 150 बीघा उद्योग विभाग की जमीन बेच दी, नही कर सकी टीम सीमांकन। 





माखन सिंह धाकड़ बैराड। शिवपुरी जिले के पोहरी अनुविभाग के बैराड नगर में फिर कालामढ जैसा काण्ड अब अधिकृत रूप से सामने आ गया है। बैराड़ नगर में आज 15 साल पहले आरक्षित हुए उद्योग विभाग की टीम अपनी 405 बीघा जमीन का सीमांकन कराने पहुंची तो इस जमीन पर 200 के करीब मकान बने हुए थै इस कारण इस जमीन का सीमांकन कराने पहुंची राजस्व की टीम को बैरंग लौटना पडा। बताया जा रहा है कि इस जमीन को भू माफियाओं ने बेच दिया है।

जैसा कि विदित है कि 15 साल पूर्व लघु और कुटीर उद्योग लगाने के लिए मप्र सरकार द्वारा बैराड नगर के पोहरी मोहना रोड पर न्यू मंडी,समशान घाट के पीछे 450 बीघा जमीन आवंटित की थी। उद्योग विभाग ने इस जमीन को लेकर कोई कार्य योजना नहीं बनाई ओर इस जमीन को लावारिस छोड़ दिया और इसका फायदा बैराड़ के भू माफियाओं ने उठा लिया।


ग्राम कालामढ तहसील बैराड़ के सर्वे क्रमांक 898/3 / 3   81.11 हेक्टेयर का सीमांकन कराने के लिए आज उद्योग विभाग का एक दल ग्वालियर से आया था,कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र कुमार चौधरी के आदेश से इस जमीन का सीमांकन कराने के लिए बैराड़ तहसीलदार सहित राकेश कुमार सुमन राजस्व निरीक्षक बैराड,चंदन वर्मा पटवारी कालामढ,कुलदीप भार्गव पटवारी ऐंचवाडा,रवि शर्मा खौदा पटवारी,बल्लभ यादव पचीपुरा पटवारी और राधा मोहन धाकड पटवारी बैराड का दल बनाया था।


बताया जा रहा है कि मौके पर पहुंचे दल ने जब जमीन का सीमांकन शुरू किया तो देखा इस जमीन के बीचो बीच लगभग 150 से लेकर 200 पक्के मकान बने हुए है,मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अमले को देख मकान मे रहवासियों में भी हड़कंप की स्थिति बन गई। बैराड़ नगर में 15 साल पहले लघु और कुटीर उद्योग लगाने के लिए उद्योग विभाग के लिए सरकार द्वारा 405 बीघा जमीन आवंटित की थी। उद्योग विभाग 15 साल में जहां इस जमीन पर एक भी उद्योग शुरू नहीं कर सका वहीं उद्योग विभाग की इस 405 बीघा जमीन को भूमाफियाओं ने अतिक्रमण कर बेच दिया। वर्तमान में उद्योग विभाग की इस जमीन पर करीब  200 से ढाई सौ कच्चे और पक्के मकान बने हुए हैं कुल मिलाकर उद्योग विभाग इस आरक्षित जमीन पर लगभग 150 बीघा जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है।

इस अतिक्रमण के कारण राजस्व विभाग की टीम सीमांकन नहीं कर सकी,बस कुछ मीटर के स्थान पर ही चिन्हित कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस जमीन को भूमाफिया ने प्लाट बना कर बेच दिया,जानकारी के अनुसार इसमें कुछ पट्टो को न्यायालय के आदेश के बाद शून्य घोषित किया है कुल मिलाकर अतिक्रमण की बैसाखी पर बसा बैराड नगर में फिर एक और कालामढ जैसा अध्याय सामने आया है और यह वही गैंग है जिसमें कालामढ का कालाकाण्ड करते हुए उच्च महाविद्यालय की जमीन और शासकीय भवनों की चरनोई भूमि को प्लॉट बनाकर बेच दिया।

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