सहस्त्रबाहु अर्जुन जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई शिवपुरी/ दिनांक 8 नवंबर कार्तिक शुक्ल सप्तमी के दिन हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजराजेश्...
सहस्त्रबाहु अर्जुन जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई
शिवपुरी/ दिनांक 8 नवंबर कार्तिक शुक्ल सप्तमी के दिन हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजराजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जयंती *श्री हैहय वंशी क्षत्रिय कलचुरी समाज* ने बड़े ही धूमधाम से मनाई, भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन चौराहा शिवपुरी पर समाज बंधु,मातायें -बहनें बड़े ही जोश से एकत्रित हुए और सभी ने मिलकर भगवान की महा आरती की और ढोल नगाड़े आतिशबाजी के साथ भगवान की जयंती मनाई मिठाइयां बांटी और एक दूसरे को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं, सबसे पहले श्री गणेश पूजन व जगत पिता जगदीश्वर श्री हरि विष्णु भगवान की महाआरती की गयी तदोपरांत राजराजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जी की सैंकड़ों दीपों से महाआरती की गयी, भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन हम हैहयवंशी क्षत्रियों के ही नहीं बल्कि समस्त मानव जाति के पूज्य भगवान हैं व हम सभी सनातनी हिंदुओं को उनमें आस्था है, क्योंकि वह भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र अवतारी हैं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वह बृषभ राशि के मुख्य धनदाता अधिष्ठाता देव भी हैं, कथा है कि एक बार जब भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र को अहंकार हो गया कि मेरे बिना भगवान विष्णु अधूरे हैं तो हमेशा की तरह भगवान विष्णु अपने भक्तों को अहंकार शून्य करते रहे हैं अपने भक्तों का अहंकार भगवान कभी बर्दाश्त नहीं करते हैं उनको अपने भक्तों में अहंकार बिल्कुल भी नहीं भाता है क्योंकि अहंकार भक्तों के पतन का कारण बन जाता है और भगवान कभी भी अपने भक्तों का पतन नहीं होने देते हैं इसलिए वह उनके अहंकार का ही भोजन करते हैं जिससे वह पाक पवित्र अहंकार शून्य बने रहें जिससे वह भगवान के प्रिय बने रहें, अतः भगवान विष्णु ने उनके अहंकार को खत्म करने के लिए उनका त्याग कर दिया और उनको सहस्त्रबाहु अर्जुन के रूप में पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा, और फिर श्री हरि विष्णु ने ऐसी लीला की के परशुराम जी के रूप में भगवान ने अपने भक्त सहस्त्रबाहु जी के अहंकार को नष्ट किया और शिवलिंग के रूप में महेश्वर में अपने में फिर से समाहित कर लिया और द्वापर में श्री कृष्ण अवतार के समय सुदर्शन चक्र को फिर से धारण किया, इसलिए श्री हैहयवंशी क्षत्रिय जो उनके वंशज हैं उनको साल भर व इस दिन उनको विशेष रूप से पूजते हैं और अपने गौरवशाली इतिहास को याद करके खुशियां मनाते हैं, क्योंकि हैहय वंश का इतिहास बढ़ा ही गौरवशाली रहा है, हैहयवंशी क्षत्रिय लोग अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं और जो गलतियां पूर्व में हम कर चुके उन गलतियों को न दोहराने का संकल्प लेते हैं, वास्तव में हम सभी मानव भगवान की लीलाओं में सहभागी हैं उनके बनाए महा नाटक के किरदारों में से एक हैं।
महाआरती में मुख्य रूप से *जिलाध्यक्ष श्री रविन्द्र शिवहरे*, महामंत्री श्री संतोष शिवहरे, वरिष्ठ संरक्षक श्री लाल जी शिवहरे "दादा", महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती सीमा दिनेश शिवहरे, संरक्षक श्री पदम चौकसे "काका जी" डा. महेन्द्र महाजन "डीलिट्" श्री दिलीप शिवहरे, श्री कालूराम शिवहरे, श्री हरचरण लाल जी शिवहरे,श्री शंकरलाल जी शिवहरे, श्री लालाराम जी शिवहरे,श्री नक्टूराम जी शिवहरे, श्री सीताराम जी शिवहरे, डा. लक्ष्मण शिवहरे (भूसावाले),श्री दिनेश शिवहरे (पटवारी जी), श्री रविन्द्र शिवहरे (हंस बिल्डिंग), महामंत्री श्री पवन शिवहरे, युवा जिलाध्यक्ष श्री भागीरथ शिवहरे, श्री कुशल शिवहरे, श्री राजेन्द्र शिवहरे श्री अनिल शिवहरे, श्री रामकिशोर जी शिवहरे,श्री ग्यासीराम राम जी शिवहरे, श्री कैलाश शिवहरे (कलारबाग),श्री केशव शिवहरे, श्री सुरेश चौकसे,श्री सुरेश शिवहरे , संगठन मंत्रियों में श्री कैलाश शिवहरे (भूसावाले),श्री महेन्द्र राय साहब, श्री दिनेश शिवहरे, श्री मनीष शिवहरे "मन्नू भैया" श्री कालू शिवहरे, सर्वश्री राधेश्याम शिवहरे, धीरेन्द्र शिवहरे (पत्रकार),अशोक शिवहरे, संतोष शिवहरे ,भरत शिवहरे, गोलू शिवहरे, प्रकाश शिवहरे, दही शिवहरे, दशरथ शिवहरे, ललित मोहन शिवहरे,प्रमोद शिवहरे (शांति नगर) , प्रमोद शिवहरे (कलार बाग), युवा टीम के साथी श्री पवन शिवहरे "हीरो" निशांत शिवहरे,प्रांजल महाजन, श्री हितेंद्र शिवहरे, श्री अवध राय, मास्टर देवांश शिवहरे, डेविड (प्रतीक) शिवहरे, कुश शिवहरे, गर्व (गौतम) शिवहरे एवं श्री हैहयवंशी क्षत्रिय कल्चुरी समाज के *ओजस्वी जिला प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी श्री विपिन शिवहरे* उपस्थित रहे, कार्यकारिणी के महिला मंडल में *महामंत्री श्रीमती निशा रविन्द्र शिवहरे*,श्रीमती मीरा चौकसे,रेनू शिवहरे,रश्मि शिवहरे, सरिता शिवहरे, संगठन मंत्री श्रीमती हेमा शिवहरे, उपाध्यक्ष श्रीमती बबीता शिवहरे,वंदना शिवहरे,हेमलता चौकसे, संगीता शिवहरे,पुष्पा शिवहरे, मीडिया प्रभारी श्रीमती रेणुका विपिन शिवहरे, सचिव श्रीमती उमा शिवहरे,सीमा दशरथ शिवहरे,क्रांति शिवहरे,रजनी शिवहरे,हेमा शिवहरे, ललिता शिवहरे,भावना शिवहरे, कामिनी शिवहरे एवं वंदना शिवहरे (लालमाटी) सहित समाज की सभी जागरूक मातायें - बहनें भाई बहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की तैयारी में *श्री संतोष शिवहरे सहित भरत शिवहरे, दशरथ शिवहरे* एवं विपिन शिवहरे जी का विशेष सहयोग रहा।
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