नेशनल लोक अदालत में 2022 मामले निराकृत हुए, 2820 व्यक्ति लाभांवित हुए एवं राशि 7 करोड़ 48 लाख से अधिक रूपए की राशि का अवार्ड पारित शिवपुरी /न...
नेशनल लोक अदालत में 2022 मामले निराकृत हुए, 2820 व्यक्ति लाभांवित हुए एवं राशि 7 करोड़ 48 लाख से अधिक रूपए की राशि का अवार्ड पारित
शिवपुरी /नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जिला मुख्यालय सहित समस्त तहसील न्यायालयों के माध्यम से कुल 2022 मामले निराकृत हुए। नेश्नल लोक अदालत का आयोजन जिला मुख्यालय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीआर भवन में प्रातः 10ः45 बजे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सोनी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अखिलेश शुक्ला, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, विजय तिवारी, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ शिवपुरी, दीपाली शर्मा, द्वितीय जिला न्यायाधीश, विवेक शर्मा, प्रथम जिला न्यायाधीश, योगेन्द्र कुमार त्यागी, सचिव, डी0के0 सिंह, चतुर्थ जिला न्यायाधीश, विवेक पटेल, पंचम जिला न्यायाधीश, अमित कुमार गुप्ता, सप्तम जिला न्यायाधीश, विधान माहेश्वरी, तृतीय जिला न्यायाधीश, न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार बौरासी, जितेन्द्र मेहर, पूजा पाठक बौरासी, ऋचा सिंह राजावत, सुश्री प्रिया शर्मा, कु0 प्रत्यक्षा कुलेश, सुश्री निहारिका व्यास, जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ0 वीरेन्द्र कुमार चढ़ार आदि उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में जिले की कुल 28 खण्डपीठों के माध्यम से 2022 मामलो का निराकरण हुआ एवं लगभग 2820 से अधिक पक्षकार लाभान्वित हुए। निराकृत मामलों में विचाराधीन मामले 706 एवं प्रिलिटिगेशन स्तर के मामले 1316 शामिल थे एवं राशि 7 करोड 48 लाख 15651 का अवार्ड पारित हुआ।
कुछ विशेष प्रकरण
चार वर्षों से अलग रह रहे पति पत्नि हुए एक- आवेदिका परिवर्तित नाम रूचि जिसकी शादी अनावेदक परिवर्तित नाम मोनू से 2021 में हुयी थी। इसी प्रकार आवेदिका परिवर्तित नाम स्वंयप्रभा अनावेदक परिवर्तित नाम किशन का वर्ष 2022 में हिन्दू रीती रिवाज से विवाह संपन्न हुआ था। दोनों ही मामलों में पारिवारिक विवाद और आपसी मनमुटाव के चलते लगभग 3-4 वर्षों से पृथक-पृथक रह रहे थे। नेशनल लोक अदालत की कुटुम्ब न्यायालय की पीठ के माध्यम से प्रथक-प्रथक एवं संयुक्त रूप से समझाईस देने एवं लगातार प्रिसिटिंग एवं मीडिएशन किये जाने के फलस्वरूप दोनों पक्ष राजीखुशी अपने घर गये।
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