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क्या कानून व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहे हैं कलेक्टर?

 * क्या कानून व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहे हैं कलेक्टर?* *कलेक्टर एवं गोहद एसडीएम के विरुद्ध लोकायुक्त में शिकायत दर्ज* *कलेक्टर पर फायरिं...

 *क्या कानून व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहे हैं कलेक्टर?*

*कलेक्टर एवं गोहद एसडीएम के विरुद्ध लोकायुक्त में शिकायत दर्ज*

*कलेक्टर पर फायरिंग की कहानी में नया मोड़* 

 *संजीव श्रीवास्तव के खास रेत माफिया सुभाष मिश्रा उर्फ़ बाबा और उसकी टीम के विरुद्ध दो थानों में एफआईआर दर्ज*

*भू माफिया के बाद खनिज माफिया से कलेक्टर के संबंधो की अजब गजब कहानी*

*भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी के विधायकों ने कलेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप*

*मौ कस्बा के बाद ग्राम डांग नरुआ की शासकीय भूमि निजी घोषित की*

*घरपर चाकरी नहीं की तो ग्राम कोटवार सेवा से बर्खास्त*


ग्वालियर/भिंड। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद एसडीएम पराग जैन के विरुद्ध लोकायुक्त में शिकायत दर्ज होने पर प्रशासनिक हलकों और कलेक्टर के आसपास गणेश परिक्रमा लगाने बालों में हड़कंप मचा हुआ है दर असल जिले के मौ कस्बा निवासी धीरसिंह पुत्र किलेदार यादव ने लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में एक शिकायत दर्ज कराई कि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एसडीएम गोहद पराग जैन ने भू माफिया से सांठगांठ कर मौ कस्बा की 5 बीघा से अधिक चरनोई भूमि को निजी घोषित करदिया है उक्त भूमि का बाजारू मूल्य लगभग 15 करोड़ है शिकायत में बताया गया है कि जिस भू माफिया के नाम भूमि को चढ़ाया गया है बो भू माफिया एसडीएम पराग जैन का रिश्तेदार दार है। इधर बीते दिनों कथित रेत माफिया द्वारा  कलेक्टर के ऊपर हमला करने का मामला सामने आया जिससे राजनैतिक और प्रशासनिक महकमों में खलबली मचगई।चुंकि हमला जिले के मुखिया के ऊपर हुआथा तो पुलिस अधीक्षक असित यादव ने मामले को बड़ी गंभीरता से लिया और तुरंत एफआईआर दर्ज् कर जांच कीगई तो कलेक्टर पर हमला करने में उन्हीं के खास मुखबिर और कुख्यात रेत माफिया शुभाष मिश्रा उर्फ़ शुभाष बाबा और उसकी टीम का नाम सामने आया जिससे कलेक्टर अब बगलें झांकते नजर आरहे हैं। वहीं विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कलेक्टर पर जिले की कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया श्री कटारे ने प्रेस वार्ता कर कहा कि कलेक्टर जब कहीं कार्रवाई करने जाते हैं तो सरकारी वाहन और सरकारी अमले को लेकर क्यों नहीं जाते?शुभाष बाबा की गाडी कलेक्टर को इतनी पसंद क्यों है?श्री कटारे ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो भी जारी किये।कलेक्टर की भ्रस्ट और निरंकुश कार्यशैली को देखते हुए ऐसा लगता है कि मोहन सरकार ने  भिंड जिले को जंगल मानकर संजीव श्रीवास्तव को खुला चरने को छोड़दिया है।पहले कलेक्टर पर भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने भू माफिया से मिली भगत के आरोप लगाए बीते विधानसभा सत्र में विधानसभा  सचिव से शिकायत कर जांच की मांग की जो भोपाल में अभी तक लंबित है। बात जिले के मौ कस्बा के मौ नगर की लगभग 5 बीघा से अधिक चरनोई भूमि की है जिसे कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद एसडीएम पराग जैन ने निजी घोषित कर दिया बताया जाता है कि जिस भू माफिया मनोज जैन के पक्ष में चरनोई भूमि को निजी घोषित किया गया है वह एसडीएम पराग जैन का रिस्तेदार है!

मामले की गंभीरता को देखते हुए भिंड सदर से बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने मुख्य सचिव विधानसभा को सम्बोधित पत्र में लिखा कि महत्वपूर्ण प्रकरण मौ तहसील के ग्राम मौ के पटवारी हल्का क्रमांक 83 में सर्वे क्रमांक 4147 की समस्त भूमि शासकीय थी जिसकी पुष्टि स्वयं तहसीलदार मौ के द्वारा अपने पारित आदेश से की गई थी तथा उल्लेखित भूमि का अमल भी शासकीय भूमि के रूप में राजस्व अभिलेख में किया गया था। कलेक्टर भिण्ड द्वारा प्रमोद जैन से आवेदन मंगाकर उस शासकीय भूमि को निजी भूमि में बदलने के लिए प्रकरण निगरानी में लेकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोहद  पराग जैन को जांच हेतु प्रेषित किया एवं बगैर तथ्यों को जांचकर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उक्त  शासकीय भूमि को  प्रमोद जैन के नाम से की जाकर राजस्व अभिलेख में दर्ज करा दिया तथा उक्त भूमि पर आवासीय प्लॉट काटे जाकर करोड़ों रूपये का अवैध लेनदेन किया गया। भिण्ड जिले में जिला प्रशासन के संरक्षण में विगत दो वर्षों में ऐसे अनेको शासकीय भूमि को निजी खातों में बदलकर संगठित तरीके से अवैध लेन-देन किया गया जिसके कारण भिण्ड जिले में कृषकों में गहन असंतोष व्याप्त है। लोक महत्व के इस विषय पर तत्काल अविलंब चर्चा करायी जाकर भिण्ड जिले के मौ कस्बे में की गई सरकारी जमीन की हेराफेरी को रोका जाकर जांच कराई जाए एवं दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही जाए।

 आपको बतादें कि जिस चरनोई भूमि को निजी घोषित किया गया है वह वर्ष 2019 तक  खसरे में चरनोई दर्ज थी

जिसे तहसीलदार ने सुनवाई के दौरान शासकीय माना था लेकिन कलेक्टर उक्त भूमि को निजी घोषित     कर मनमाने तरीके से तहसीलदार/पीठासीन अधिकारी के खिलाफ FIR के लिए ऑर्डर शीट पर  आदेश भी कर दिया था वर्तमान में लगभग

दस करोड़ की वर्तमान मूल्य वाली जमीन भू माफिया को दिये जाने से राजनैतिक एवं प्रशासनिक हलकों में कलेक्टर की भूमिका पर उठ रहे गंभीर प्रश्न,सच्चाई उच्चस्तरीय जांच से आयेगी सामने?अब हम बात करते हैं बीते दिनों रौन थाना क्षेत्र में कलेक्टर पर रेत माफिया द्वारा की गई फायरिंगा की जो शुरु से ही संदेह के घेरेथा।इस मामले में विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमन्त कटारे ने कलेक्टर पर  दतिया की रेत कंपनी से मिली भगत के आरोप लगाए हैं।प्रेस वार्ता में श्री कटारे ने कहा कि

कलेक्टर पर हुए पथराव से  जिले की छवि खराब हुई है कलेक्टर जिले में कानून व्यवस्था  बिगाड़ने का काम कर रहे है।

कलेक्टर को कार्यवाही करना है तो पुलिस व खनिज टीम को विश्वास में लेकर काम करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कुख्यात अपराधी रेत माफिया सुभाष बाबा से कलेक्टर के रिश्ते  की  उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए।श्री कटारे ने कहा

कलेक्टर एवं सुभाष मिश्रा के एक साथ  सड़कों पर रेत की गाड़ियां पकड़ते हुए फोटो जारी कर कह कि कलेक्टर के नाम पर आरोपी करता  अढ़ीबाजी है उसका रुतबा ऐसा है कि सरेआम फायरिंग कर राहगीर की गाड़ी तोड़ी डाली।उल्लेखनीय  है

विगत दिनों  ऊमरी थाना क्षेत्र में रेत से भरा - ट्रेक्टर-ट्रॉली छुड़ाने के लिए माफियाओं द्वारा किए गए हमले के मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा घटना के संबंध में दी गई जानकारी खनिज निरीक्षक संजय धाकड़ के उस आवेदन से मेल नहीं खा रही है जो खनिज निरीक्षक ने एफआईआर कराने के लिए ऊमरी थाने में दिया था। खनिज निरीक्षक के आवेदन पर पुलिस ने घटना वाले दिन ही 6 अज्ञात पर मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन इस प्रकरण में नया मोड़ तव आया, जब कलेक्टर के द्वारा घटना वाले दिन दी गई जानकारी और खनिज निरीक्षक के आवेदन में भिन्नता नजर आई। इस मामले में शुरूआत से ही प्रशासन सत्यता छुपाने में जुटा है। घटना वाले दिन 31 जनवरी को सूचना आई थी कि रात्रि में बिना पुलिस सहयोग के प्रायवेट गाड़ी से कार्रवाई करने पहुंचे कलेक्टर पर हमला हो गया। उसके बाद दोपहर होते होते कलेक्टर मीडिया के सामने आए और अपने ऊपर हमला होने की बात से इंकार  किया। उन्होंने खनिज टीम पर पथराव होने की जानकारी दी थी। इधर खनिज टीम से संपर्क करने का प्रयास किया गया,लेकिन घटना वाले दिन से आज तक खनिज टीम मीडिया से दूरी बनाए हुए है।

कलेक्टर के बयान और खनिज निरीक्षक के आवेदन में भिन्नताः इस घटना के बाद कलेक्टर ने जानकारी दी थी कि रात्रि में रूर की पुलिया से ऊमरी के बीच उन्होंने रेत से भरा ट्रेक्टर ट्रॉली पकड़ा था और खनिज टीम को सूचना देकर ट्रेक्टर खनिज टीम के सुपुर्द कर चले आए। जबकि खनिज निरीक्षक ने पुलिस को दिए आवेदन में कलेक्टर के द्वारा नहीं, बल्कि स्वयं व अपनी टीम के द्वारा ट्रेक्टर ट्रॉली पकड़ने का जिक्र किया है। उन्होंने कलेक्टर के मौके पर होने व न होने का कोई उल्लेख नहीं किया है। इसी तरह कलेक्टर ने अपने बयान में स्वयं पर हमला न होने की बात कहते हुए माफियाओं द्वारा खनिज टीम पर पथराव करने की जानकारी दी थी। उन्होंने पुलिस द्वारा माफियाओं को खदेड़ने की बात भी कही।लेकिन खनिज निरीक्षक ने अपने आवदेन में पुलिस का कोई उल्लेख नहीं किया और हमलावरों को खनिज विभाग के सैनिकों द्वारा खदेड़ना बताया है।

*सुभाष बाबा पर पुलिस थाना सिटी कोतवाली एवं ऊमरी में दर्ज हुए  मामले*

थाना शहर कोतवाली एवं ऊमरी में दोनों प्रकरण एक ही शख्स पर दर्ज हुए हैं। यह वही शख्स है,जिसकी नजदीकियां कलेक्टर से होने के दावे किए जाते हैं। दरअसल जिस शख्स की बात की जा रही है उसका नाम सुभाष मिश्रा उर्फ सुभाष बाबा निवासी ग्राम सिकाहाटा हाल निवास भिण्ड के चतुर्वेदी नगर है। इस पर सिटी कोतवाली में कलेक्टर के नाम पर वसूली करने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। साथ ही ऊमरी थाने में सरेराह फायरिंग करने और गाड़ियां फोड़ने और मारपीट करने के आरोप में भी मामला दर्ज हुआ है। इसे कलेक्टर के साथ देखे जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं।ग्राम डिडी निवासी फरियादी बेताल सिंह यादव पुत्र नारायण सिंह यादव ने सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कराया है।फरियादी का आरोप है कि आरोपी सुभाष मिश्रा उर्फ सुभाष बाबा निवासी ग्राम सिकाटा हाल चतुर्वेदी नगर भिण्ड ने कलेक्टर का नाम लेकर पैसों की वसूली की। फरियादी ने बताया कि मेरा ट्रक माइनिंग ने पकड़ लिया था, जिस पर आरोपी ने कलेक्टर से अच्छे संबंधों का हवाला देकर ट्रक छुड़ाने के लिए 10 हजार रुपए मांगे। इस पर उसे 8 हजार रुपए दे दिए। 2 दिन बाद भी ट्रक नहीं छूटा तो उससे पूछा, जिस पर उसने धमकी देकर पैसे वापस करने से इनकार कर दिया और ट्रक चलाने के लिए 20 हजार रुपए महीने की रंगदारी मांगी और यह रंगदारी न देने पर बार बार ट्रक पकड़वाने की धमकी दी। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पर मामला दर्ज किया है।ऊमरी थाने में फरियादी रंजीत सिंह चौहान पुत्र सुरेश सिंह निवासी ग्राम पाण्डरी ने आरोपी सुभाष मिश्रा उर्फ सुभाष बाबा निवासी सिकहाटा पर ऊमरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।यह वही आरोपी है,जो स्वयं को कलेक्टर का खास बताता है।आरोप है कि इसने 31 जनवरी की रात ऊमरी में रंजीत की कार में तोड़फोड़ कर फायरिंग भी की थी। इस आरोपी के साथ दो अज्ञात पर भी पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है। ज्ञात हो यह घटना उसी रात्रि की है,जिस रात्रि को ट्रेक्टर छुड़ाने के लिए अफसरों पर कथित हमला हुआ था।

*फैक्ट फ़ाइल*

-लहार एसडीएम और तहसीलदार पर अवैध वसूली के आरोप के बाद अब भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव घिरे।

-कलेक्टर के नाम से अवैध वसूली मांगने बाले सुभाष मिश्रा नामक शख्स पर एक ट्रक मालिक ने लगाए आरोप।

-रेत से भरे एक ट्रक पर कम जुर्माना पर छोड़ने के नाम पर मांगी रिश्वत। 

-सुभाष मिश्रा ने कलेक्टर से अच्छे संबधों का हवाला देकर रुपयों की डिमांड।

-दवाब बनाकर पहली क़िस्त के रूप में लिए 8000 रुपए।

-ट्रक छोड़ने के बाद 20 हजार रुपए हर महीने देने की रखी शर्त।

-इनकार करने पर ट्रक मालिक ने गाली गलौज और धमकी देने का लगाया आरोप।

-डंपर मालिक  की शिकायत पर पुलिस ने सुभाष मिश्रा उर्फ बाबा के खिलाफ किया मामला दर्ज।

-धारा 308 (5), 296, 351(3) BNS के तहत एफआईआर दर्ज।

-- कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को अपनी कार में बिठाकर रात में पकड़ता था सुभाष बाबा गिट्टी व रेत की गाड़िया। 

-कलेक्टर के साथ घूमने के बाद सुर्खियों में आया था सुभाष बाबा।

-एफआईआर के बाद सुभाष बाबा फरार।

-कुछ दिन पहले एक युवक पर हमला कर फायरिंग करने और पथराव करने पर पुलिस कर चुकी है मामला दर्ज।

-सुभाष मिश्रा और दो अज्ञात पर ऊमरी थाना पुलिस ने किया था मामला दर्ज।

-सुभाष मिश्रा का लड़का अनूप मिश्रा रहता है पुलिस की वर्दी पहनकर रेडक्रॉस की तरफ से जिला अस्पताल में करता है नौकरी

-पुलिस मित्र का विजिटिंग कार्ड का उपयोग करता है सुभाष  मिश्रा उर्फ़ सुभाष बाबा इसी कार्ड से करता है आम आदमी का भयादोहन

-कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद एस डी एम के विरूद्ध लोकायुक्त में शिकायत दर्ज

-गोहद एसडीएम पराग जैन के घरपर चाकरी न करने के कारण कोटवारों को किया सेवा से प्रथक

*एक नजर इधर भी*

हाल ही में मौ तहसील के ग्राम डांग नरुआ में भी शासकीय भूमि को निजी करने का मामला सामने आया है जहाँ पटवारी मनीष नरवरिया और मौ के प्रभारी तहसीलदार उदय सिंह जाटव ने ग्राम डांग नरुआ की भूमि सर्वे नंबर 294 एवं 260 मिन2 नोइयत चरनोई को सुमन नामक महिला के नाम से चढ़ादी जो वर्तमान में खसरे में निजी दिख रही है अब ये भी लिखना पडेगा कि इसमें लेनदेन नहीं हुआ होगा!दरअसल जबसे जिले में संजीव श्रीवास्तव कलेक्टर और गोहद में एसडीएम पराग जैन पदस्थ हुए हैं तबसे गोहद में अंधा कानून चल रहा है।जो अधिकारी कलेक्टर और एसडीएम के मन मुताविक काम नहीं करते या इनकी भृष्ट चौकड़ी में शामिल नहीं होते उनको मानसिक रूपसे प्रताड़ित करते हैं इसका एक उदाहरण गोहद के तत्कालीन उप पंजिएक स्व.के तिग्गा का है मालनपुर ओद्योगिक क्षेत्र से सटे ग्राम लहचूरा में 1300 बीघा की रजिस्ट्री करने से उप पंजियक श्री तिग्गा ने मना करदिया था क्योंकि श्री तिग्गा को उसके दस्तवेजों में कुछ गाडवडी लगी तो पक्षकारों ने उस भूमि की रजिस्ट्री गोहद से 100 कि.मी दूर मिहोना के उप पंजीयक से कराई हालाँकि असल अनुबंध धारी को जब पता चला तो उसकी शिकायत पर रजिस्ट्री होल्ड करदी ओर रजिस्ट्री न करने के कारण स्व.तिग्गा को एक फर्जी शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने निलंबित करदिया।अकारण निलंबन से तिग्गा डिप्रेशन में चले गये और उनकी मौत होगई।

बाद में यही रजिस्ट्री लहचूरा में हत्या का करण बनी लहचूरा में अभी भी तनाव है बना हुआ है कभी भी कोई गंभीर घटना घट सकती है और अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूपसे इसकी जिम्मेदारी कलेक्टर की होगी।क्योंकि जिनके नामसे फर्जी रजिस्ट्री हुई है उनमें वरिष्ठ भाजपा नेता अरविन्द भदौरिया के परिजन और रिस्तेदार शामिल हैं।

*एस डी एम के घर चाकरी नहीं की तो कोतवारों को किया सेवा से प्रथक*

गोहद एसडीएम पराग जैन के ऊपर पावर का नशा इतना चढ़ा है  उन्होंने  मौ तहसील के तीन कोटवारों को इसलिए सेवा से प्रथक करदिया क्योंकि उन्होंने एसडीएम के घर पर उनकी निजी चाकरी करने से मना कर दियाथा।शोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक कोटवार एसडीएम की रसोई में उनके झूठे वर्तन साफ कर रहा है जिसे देखकर लोगों में जबरदस्त गुस्सा है।क्योंकि मौ से गोहद की दूरी लगभग 35 कि.मी है ऐसे में कोटवार रोजाना मौ से गोहद चाकरी करने कैसे जा सकते हैं।सेवा से प्रथक कोटवारों ने कलेक्टर के फरियाद की पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई अब आयुक्त के यहां चक्कर काट रहे हैं देखते हैं आयुक्त के यहां सुनवाई होती है या?

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