ग्वालियर / ग्वालियर में प्रेस क्लब पत्रकारों की जरुरत है लेकिन नेताओं की जरुरत नहीं. वर्षों पहले हमारे मित्र और तत्कालीन निगमायुक्त नेश्री...
ग्वालियर / ग्वालियर में प्रेस क्लब पत्रकारों की जरुरत है लेकिन नेताओं की जरुरत नहीं. वर्षों पहले हमारे मित्र और तत्कालीन निगमायुक्त नेश्री अखिलेंदु अरजरिया ने अपनी सेवानिवृत वाले दिन ये भवन मुझे प्रेस क्लब चलाने के लिए आवंटित किया था. मैने इसे 19 साल बचाकर रखा लेकिन यहाँ के सांसद, विधायक इतने कंजूस निकले कि किसी ने इसके विस्तार में अपनी ओर से एक फूटी कौडी नहीं दी. सब इंदौर प्रेस क्लब पर मेहरबान बने रहे.
बिरादरी के कुर्सी प्रेमी मित्रों ने मुझे हटाने की साजिशें की तोगुस्से में मैने ये भवन नगर निगम को वापस कर दिया. मेरी यह अक्षम्य गलती की थी किंतु साथी राजेश शर्मा ने इसे दोबारा हासिल कर लिया. वर्षों पहले बिरादरी ने जो हरकत मेरे साथ की थी, वैसी ही हरकत राजेश शर्मा के साथ भी पिछले दिनों की गई.
अब प्रेस क्लब भवन एक है और अध्यक्ष 2,इसलिए मैने प्रेस क्लब जाना बंद कर दिया. अब हमारा क्लब बर्थ डे क्लब है.ग्वालियर के ठेकेदार केंद्रीय मंत्री हों या राज्य के मंत्री, विधायक हों या सांसद प्रेस क्लब की न मदद करना चाहते है न उसे बचाना चाहते हैं. बडे अखबारों के संपादक यहाँ आते नहीं. आज पत्रकार बिरादरी सैकडों में है. ग्वालियर को एक स्वतंत्र चगह प्रैस क्लब के लिए चाहिए, पैसा चाहिए लेकिन दे कौन?
ग्वालियर में नगर निगम इंडियन काफी हाउस को जगह दे सकता है. इटेलिययन गार्डन का एक हिस्सा भाजपा नेता को रेस्टोरेंट के लिए दे सकता है लेकिन प्रेस क्लब को नहीं. सिर्फ इसलिए क्योंकि ग्वालियर में पत्रकार एक नहीं हैं. वे सेफ भी नही हैं. वे क्लब के लिए लडना भी नहीं जानते. सब बेचारे हैं. यदि नहीं हैं तो कल से मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पार्षदों की गणेश परिक्रमा बंद करें. बडे और स्थापित अखबार इस मुद्दे पर साथ खडे हों. अन्यथा प्रेस क्लब ऐसे ही धक्के खाता रहेगा. एक दिन विकास के नाम पर प्रेस क्लब छीन लिया जाएगा. बने रहिये तुर्रम खां.
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