मुझे नाज है मेरे शहर पर, लेकिन आखिर क्यों हुआ ये अपहरण...? ........................................................................ ग्वालि...
मुझे नाज है मेरे शहर पर, लेकिन आखिर क्यों हुआ ये अपहरण...?
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ग्वालियर / शिवपुरी / गुरुवार को शहर रोया भी और उत्सव में खोया भी...वजह थी शिवाय.. 6 साल का शिवाय जब किडनेप हुआ तो इसी शहर का आक्रोश सातवें आसमान पर था...
और निशाने पर थे वहीं जो उसे कलेजे से लगाकर लाए... जब शिवाय आया तो उत्सव ग्वालियर के सिर्फ सीपी कॉलोनी तक नहीं बल्कि पूरे शहर के घर घर में था...
नाज है मुझे मेरे इस शहर पर जो आज शिवाय के अपहरण के दुख में एक परिवार की तरह नजर आया... अपहरण की खबर पर शायद ही ऐसा कोई घर हो जिसने दुआ न मांगी हो...और जब रात को उसके मिलने की खबर आई तो दुख एकाएक उत्सव में बदल गया...
बदहवास मां बेटे से बात कर चहक उठी...पिता ने ईश्वर का धन्यवाद दिया...सरकार और प्रशासन को कोसने वाले भी खुशी में झूमे...लेकिन एक सवाल रह गया...
आखिर शिवाय का अपहरण क्यों और किसने किया??? .... गनीमत है कोई अनहोनी नहीं हुई, लेकिन वो कौन थे जिन्होंने इतनी हिम्मत और हिमाकत की?...
ये वो सवाल है जिस पर से पर्दा उठाना अभी बाकी हैं...जब इन सवालों पर से पर्दा उठेगा शायद तभी हम कह पाएंगे... यहां हकीकत में आमजन सुरक्षित है।
✍️कपिल शर्मा
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