शिवपुरी (म.प्र.) नगरीय प्रशासन की हठधर्मिता समझ से परे है! शिवपुरी / हुआ कुछ ऐसा था कि कुछ दिन पूर्व शिवपुरी शहर में ग्वालियर बायपास तरफ़ ...
शिवपुरी (म.प्र.) नगरीय प्रशासन की हठधर्मिता समझ से परे है!
शिवपुरी / हुआ कुछ ऐसा था कि कुछ दिन पूर्व शिवपुरी शहर में ग्वालियर बायपास तरफ़ कुछ सफाई कर्मी काम के समय आराम तलबी कर रहे होंगे, वहां से वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष जी का विमान गुजरा और उन्होंने अपने स्वभाव स्वरूप सफाई कर्मचारियों को मां बहन की... दे दीं होंगी,,, फिर क्या, सफाई कर्मचारियों द्वारा यह कहकर हड़ताल कर दी कि अब नगरपालिका अध्यक्ष हमसे माफी मांगेंगी हम सभी लोग तभी काम पर लौटेंगे,,, उसके बाद सफाई कर्मचारियों की यूनियन के नेताओं को अध्यक्ष जी के चेंबर मैं सेट किया गया और उस चेंबर से बाहर निकलते ही यूनियन नेताओं की शब्दावली लचीली हो गई,,, और अपने लोगों को डांट डपटते हुए समझाया गया,,।
उस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष ने भी दबे शब्दों में उन उत्तेजित हो रहे सफाई कर्मचारियों से भैया - भैया वाले तकिया कलाम के साथ माफ़ी मांग ली गई!
परंतु ये बात श्रेष्ठवर्ण के अहंकार पर चोट कर गई...
अब पिछलग्गू ओ सहित बुद्धि लगाई गई कि आखिर इन निम्न वर्गीय लोगों से बदला कैसे लिया जाए?
तो बात निकलकर आई कि इन सफाईकर्मी महिला/ पुरुषों को शिवपुरी शहर के नगरीय क्षेत्र के 39 वार्डों में रद्दोबदल किया जाए जिससे सफाई कर्मचारियों को जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं दूसरे क्षेत्रों में जाकर परेशानियों का सामने करेंगे ,,और तब हम इनकी औकात इन्हें बता सकेंगे!? यहां सोचने वाली बात यह है कि एक नारी ही नारीयों को परेशान कैसे कर सकती है,?
जबकि विवाद तो पुरुष वर्ग से हुआ था...
हम पूछना चाहते हैं कि क्या यह तुगलकी फरमान जो बिना परिषद को विश्वास मे लिए लागू किया गया है,, जिससे शहर की जनता,,, सफाई कर्मचारी उनके परिवार,,, पार्षद,,, सभी हालाकन हो रहे हैं,,, जगह- जगह जनता, और सफाई कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति बान रही है,,,,, इसे बापस नहीं लिया जा सकता? शिवपुरी शहर एवं वार्डों की जनता यह मांग करती है कि पूर्व की स्थिति को ही यथावत किया जावे। सोमा नामदेव शिवपुरी आम नागरिक
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