> " करोड़पति मास्टर जी: बेनामी संपत्ति के मास्टरमाइंड की गहरी तह तक पहुंची ईओडब्ल्यू" प्रसंगवश / बेचैन👁️🗨️ नजर 👁️ शिवपुरी...
> "करोड़पति मास्टर जी: बेनामी संपत्ति के मास्टरमाइंड की गहरी तह तक पहुंची ईओडब्ल्यू"
प्रसंगवश / बेचैन👁️🗨️ नजर 👁️
शिवपुरी / जिले के भौंती में प्राथमिक सहायक शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया की संपत्ति का खुलासा हुआ है, जो किसी के लिए भी चौंकाने वाला है। 8 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति, जिसमें दुकानें, प्लॉट, ट्रक-ट्रैक्टर, और बैंक खाता शामिल हैं, यह दर्शाता है कि शिक्षा के इस पवित्र पेशे में बैठे व्यक्ति ने न केवल धन अर्जित किया, बल्कि यह सारी संपत्ति उन्होंने कैसे और कहां से जुटाई, यह किसी जांच से कम नहीं है। ईओडब्ल्यू की टीम ने भदौरिया के घर पर छापेमारी की और पाया कि उन्होंने अपनी वैध आय से लगभग 8 करोड़ की संपत्ति बना ली, जबकि उनकी कुल कमाई सिर्फ 38 लाख रुपये थी ⁉️इसका मतलब साफ है कि शिक्षक जी ने न केवल सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की, बल्कि इस माल कमाने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के हर रास्ते को अपनाया। अगर यह भ्रष्टाचार केवल एक शिक्षक तक सीमित था, तो समझ में आता, लेकिन जब यह शख्स थाने की ज़मीन पर भी दावा करने का हौंसला रखता है, तो सवाल उठता है: शिक्षा के नाम पर समाज में कितनी गंदगी फैल चुकी है❓
यह कहानी महज एक भ्रष्टाचार की नहीं है, यह उस सिस्टम की भी कहानी है जो ऐसी गतिविधियों को जन्म देता है और फिर उनका संरक्षण करता है। एक व्यक्ति ने सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया, कोर्ट से हारने के बावजूद प्रशासन चुप बैठा रहा। क्या यही है हमारी न्याय व्यवस्था? क्या यही है शिक्षक की भूमिका
> भदौरिया के मामले में एक बात तो साफ है—जो लोग सरकारी पदों का इस्तेमाल अपनी भलाई के लिए करते हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि यह संदेश जाए कि किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। अब शिवपुरी जिले के दो अधिकारी भी जांच एजेंसियों के राडार पर हैं ... आज नहीं तो कल
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