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खनियाधाना क्षेत्र में माताटीला बांध में हुई बड़ी घटना

  खनियाधाना क्षेत्र में माताटीला  बांध में हुई बड़ी घटना शीतल जाटव और प्राण सिंह ने दिया बहादुरी का परिचय  एक 14 वर्षीय बच्चे ने सतर्कता से ...

 खनियाधाना क्षेत्र में माताटीला  बांध में हुई बड़ी घटना

शीतल जाटव और प्राण सिंह ने दिया बहादुरी का परिचय 

एक 14 वर्षीय बच्चे ने सतर्कता से बचाई मां और ताई की जान




शिवपुरी जिले की खनियाधाना तहसील के अंतर्गत मंगलवार की शाम राजावन गांव के 15 लोग नाव में बैठकर माताटीला डैम के अंदर बने सिद्ध बाबा स्थल पर जा रहे थे जिसमें नाव डूबने के कारण बड़ी घटना घटित हुई जिसमें 7 लोग डूब गए। 8 लोग सुरक्षित बाहर आ पाए। मौके पर तत्काल शाम के समय प्रशासन और पुलिस की टीम पहुंची। माताटीला बांध के तीन स्टीमर डूबे हुए लापता लोगों की तलाश में जुट गए। एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची और बुधवार को सुबह से तलाश जारी रही और डूबे हुए लोगों में अभी रेस्क्यू में 6 लोगों के शव बरामद हुए हैं। लगातार रेस्क्यू जारी है। एनडीआरफ की टीम भी पहुंची है। एक ओर बच्चे को खोजा जा रहा है।

इस घटना में 2 लोग ऐसे भी सामने आए हैं जिन्होंने न केवल बहादुरी दिखाई बल्कि मानवीयता का भी परिचय दिया है। ये हैं राजावन निवासी शीतल जाटव और प्राणसिंह। 

जैसे ही इन्होंने देखा कि मंदिर के पास आ रही नाव पानी में डूब रही है। तत्काल दूसरी नाव लेकर यह दोनों उस क्षेत्र में पहुंचे और लोगों को बचाने में मदद की। इन्होंने लोगों का हाथ पकड़कर दूसरी नाव में बैठाया और इस प्रकार 5 लोगों को बचाने में सफल रहे।

इस घटना के दौरान आठ लोग सुरक्षित बाहर आ पाए।

दुर्भाग्यपूर्ण 7 लोग पानी में डूब गए लेकिन जिस प्रकार शीतल जाट और प्राण सिंह लोधी ने घटना के समय तत्परता दिखाई उससे कई लोगों की जान बचाने में मदद मिली। आज सुरक्षित बाहर आए लोग इनका शुक्रिया कर रहे हैं।

इस घटना में एक 14 साल के बच्चे ने भी साहसिक परिचय दिया है।  14 वर्षीय जॉनसन पुत्र अनूप लोधी उम्र 12 वर्ष,ने अपनी मां सावित्री और ताई को डूबने से बचाया।जो उस समय नाव में सवार था जब नाव डूबने लगी तब भी बच्चे का साहस कम न हुआ। उसने न केवल अपने आप की जान बचाई बल्कि अपनी ताई और अपनी मां की जान बचाने में भी वह कामयाब रहा। बच्चे की चतुराई से कुछ देर तक पानी में रहे, तब तक वहां दूसरी नाव पहुंची, जिसमें ग्रामीण प्राणसिंह लोधी और शीतल जाटव थे और उन्होंने मदद की। इस प्रकार उस समय आठ लोगों की जान बच गई।

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