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30 साल से जिला पंचायत में नियम विरुद्ध पद पाकर नौकरी कर रहा लेखाधिकारी

  30 साल से जिला पंचायत में नियम विरुद्ध पद पाकर नौकरी कर रहा लेखाधिकारी  - जांच में नियम विरुद्ध पद का खुलासा, 13 साल बाद भी नही हुई लेखाधि...

 30 साल से जिला पंचायत में नियम विरुद्ध पद पाकर नौकरी कर रहा लेखाधिकारी 

- जांच में नियम विरुद्ध पद का खुलासा, 13 साल बाद भी नही हुई लेखाधिकारी पर कोई कार्यवाही

- एसडीएम व जिला कोषालय अधिकारी ने 13 साल पहले ही जांच कर किया था खुलासा


शिवपुरी। जिला पंचायत शिवपुरी में एक फर्जी तरीके से नियम विरुद्ध पदोन्नति व नियुक्ति पाने का मामला सामने आया है जो जिला पंचायत के अधिकारियो के साथ वर्षो से अपनी नौकरी बडी शान शौकत से कर रहे है खास बात यह है कि जिला पंचायत में कई सीईओ आए और कई चले भी गए लेकिन इसके बाद भी उन्हे एक वरिष्ठ पद लेखा अधिकारी के पद पर पदस्थ अधिकारी की फर्जी नियम विरुद्ध नियुक्ती नजर नही आई और वर्षाे विभाग में काम करने के बाद भी उक्त लेखा अधिकारी के खिलाफ किसी भी अधिकारी ने कार्यवाही करने की हिम्मद भी नही की। दरअसल जिला पंचायत शिवपुरी में वर्तमान में लेखा अधिकारी के पद पर पदस्थ हेंमत भार्गव ने नियम विरुद्ध फर्जी तरीके से पहले लेखापाल और अब लेखाअधिकारी के पद पर पदोन्नति कर उच्च पद हासिल किया है। दिनांक 02.08.2011 के समय तत्काली कलेक्टर ने हेमन्त भार्गव की नियुक्ती के संबंध में जिला कोषालय अधिकारी के साथ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से जांच कराई उक्त जांच प्रतिवेदन में कई तरह की खामियां पाई गई। 

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पदो से संबंधित निर्धारित प्रशिक्षण के बिना पद हासिल किए

उक्त जांच प्रतिवेदन के अनुसार हेमन्त भार्गय जो दिनाक 26.05.1989 से दैनिक बेतन भोगी कर्मचारी थे जिन्हे जिला ग्रामीण विकास प्रभिकरण ने परियोजना अधिकारी डी.आर.डी.ए. के द्वारा कलेक्टर के अनुमोदन आदेश से दिनाक 23.02.1994 से लेखापाल के पद पर नियुक्त किया गया है। लेखापाल पद पर नियुक्ति दिनाक 23.04.1994 को अनुमोदन हेतु विकास आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल को भेजा गया था किन्तु उक्त आदेश का औपचारिक अनुमोदन जांच टीम को फाइल में नही मिला। खास बात यह है कि भार्गव लेखापाल के रुप में स्थायी कर्मचारी भी नही है क्योकि लेखापाल के पद पर स्थायीकरण के आदेश भी जांच टीम को फाईल मे संलग्न नही मिले। लेकिन फिर भी उन्हे लेखाअधिकारी के पद पर पदोन्नति दी गई जो कि समझ से परे है। जांच में पाया गया कि हेमंत भार्गव ने न तो लेखापाल के रुप में और न ही लेखाधिकारी के रुप में और न अकाउण्ट के रुप में कोई निर्धारित प्रशिक्षण प्राप्त किया है परीक्षा उत्तीर्ण से संबंधी कोई रिकार्ड जांच टीम को फाईल में संलग्न नही मिला। हेमन्त भार्गव ने सीधे नियुक्ति परियोजना अधिकारी डी.आर.डी.ए. द्धारा नोट शीट पर कलेक्टर से आदेश लेकर प्राप्त की है उस समय चयन हेतु निर्धारित क्या प्रक्रिया थी इसका उल्लेख नही किया गया इतना ही नही विज्ञाप्ति आदि जारी करना भी उल्लेख नही किया गया था। हेमन्त भार्गव को सीधे लेखापाल से लेखाधिकारी बनाया गया है परन्तु लेखापाल के पद का तथा लेखाधिकारी के पद पर पदोन्नति के पहले या बाद में प्रशिक्षण नही लिया गया।  भार्गव को लेखापाल से लेखाधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शिवपुरी के आदेश दिनांक 01.2008 के द्धारा हेमंत भार्गव को लेखाधिकारी के पद पर पदोन्नति दी गई है किन्तु भार्गव को क्रमोन्नति पदोन्नति एंव समयमान वेतनमान का लाभ भी एक साथ दिया गया जो कि नियम अनुसार नहीं दिया जा सकता है। 

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बिना अनुमोदन आदेश के पाई नौकरी 

जिला कोषालय अधिकारी शिवपुरी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शिवपुरी के जावक प्रतिवेदन तथा अभिलेख के अनुसार - जिला पंचायत डी.आर.डी.ए. शिवपुरी की नोटशीट दिनाक 23.02.1994 में तत्काली

कलेक्टर ने इस नियुुक्ति के संबंध में विकास आयुक्त से अनुमोदन लेने हेतु आदेशित किया गया था लेकिन इस आदेश का अनुमोदन विकास आयुक्त से प्राप्त नही किया गया था। 

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नियम विरुद्ध बिना प्रावधान के हुए नियमित 

ग्रामीण विकास अभिकरण जिला शिवपुरी के आदेग कमांक क्यू/स्था./2766 दिनाक 03.06.89 द्धारा हेमंत भार्गव की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी के रुप में कलेक्टर दर पर मासिक दर पर रुपये 705- मासिक पर दो माह के लिये लेखापाल के लबित कार्य का निपटान हेतु की गई, जिसे बाद में 89-89 दिवस के लिये नियुक्ति की जाती रही है। मध्य प्रदेश वेतन भोगी (चार्ज) व अकस्मिकता निधि नियमों 2-क के नियम व म.प्र. शासन वित्त विभाग के वा 6/8,79/ नि-2/4 दिनांक 18.12.1979 के अनुसार 89-89 दिवस पर नियुक्त कर्मियों के लिये अकस्मिकता निधि अंतर्गत नियमित करने का कोई प्रावधान ही नही है। 

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जांच में पाया पद नियम अनुसार नही 

जिला कोषालय अधिकारी एंव अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शिवपुरी की जांच में समस्त दस्तावेजो का परिक्षण व अवलोकन करने पर पाया गया कि हेमन्त भार्गव का लेखापाल से लेखाधिकारी तक चयन व पदोन्नति के नियम प्रक्रिया के विरुद्ध होकर नियमानुसार नही है इस जिला पंचायत में भागर्व के विरुद्ध विभिन्न शिकायत प्राप्त हो रही है तथा जन शिकायत निवारण विभाग भोपाल से भी शिकायते प्राप्त हो रही है ऐसे स्थिति में इस प्रकरण पर शासन स्तर से समुचित रुप से निराकरण किया जाना उचित होगा। 


आपने कहा 

हेमन्त भार्गव के पद का क्या मामला है अगर नियम विरुद्ध है तो आप मुझे ऑफिस आकर पूरा मामला बताए कलेक्टर सहाब के यहा भी उनकी शिकायत हुई है। 

हिमांशु जैन सीईओ जिला पंचायत

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